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|भाषा=मैथिली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह= बियाह सँ द्विरागमन धरिक गीत / मैथिली लोकगीत संग्रह
}}
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<poem>दुलहा नहु नहु बाजू ने, रूसल छी किए
आगा पाछा सारि सरहोजि, बीचमे विधिकरी
सोझां मे राखल अछि, महुअक केर दुइ थारी
दुलहा कनी-कनी खइयौने, रूसल छी किए
दूधक दाम सहित जोड़िकऽ, माय नेने छथि टाका
आब की मांगि रहल छी, की सिखा देने छथि काका
कनी हमरो दिस ताकू ने, रूसल छी किए
माथ लगैए चांेचा-खोता, मुँह लगैए टाड़ी
हमर कनियाँ अछि टुनमुनियां, देब आरो गारी
झट दए मूहो फोलू, रूसल छी किए
</poem>
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