{{KKRachna
|रचनाकार=रश्मि रेखा
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|संग्रह=सीढ़ियों का दुख / रश्मि रेखा
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सारे रंगों मेंकिसी की कासनी रंग की पसन्द पसंद नेमेरी आँखें और कासनी कर दींदी मेरे सारे शब्द
मेरी पूरी भाषा
सुरमईबहुत दिनोम दिनों बादमौसम मौसंम ख़ुशनुमा लगाअच्छी लगीं सिर्फ़ वे ही बातेंजिन्हें जिसे तुमने कहा’अच्छी हैं’ "अच्छी हैं "
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