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अच्छे दिन / शशि पाधा
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08:45, 29 नवम्बर 2014
मेले -ठेले गूँजेगा
खुशियों का
आलाप ।
आलाप।
बेकारी-लाचारी अब
सुख की शीतल छाँव
चौपालों पे रात -दिन चैन का होगा
जाप ।
जाप।
वचनबद्ध जब राष्ट्र हो
हर लेगा सद्भाव अब
मानवता का ताप
अच्छे दिन की सुन ली हमने
धीमी सी पदचाप
</poem>
Sharda suman
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