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|पीछे=पद्य-शब्द-कोश: संरचनात्मक परिचय / शेषनाथ प्रसाद
|आगे=जापानी हाइकु का स्वदेशी संस्करण
|सारणी=भाषा और साहित्य पर लेख
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सन् 1900 ई0 के लगभग [[मासाओका शिकि]] ( 1867-1902) ने विशिष्ट जापानी छंद “होक्कु” को हाइकु (Haiku) का नाम दिया । आज जापान में लाखों लोग इस छन्द में रचना करते हैं । भारत की अनेक भाषाओं के साथ -साथ हाइकु विश्व की सभी प्रमुख भाषाओं में लिखा और पढ़ा जा रहा है । भारतीय साहित्य की उर्वरा भूमि को यह कविवर [[रवीन्द्रनाथ ठाकुर]] का जापानी तोहफा है।
==नवीनतम विधा है हाइकु ==
==अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाइकु==
*अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन्टेरनेट के माध्यम से हाइकु लिखने वालों में [[भावना कुँअर]],(आस्ट्रेलिया) [[सुदर्शन प्रियदर्शिनी]], (यू.एस.ए.) , [[पूर्णिमा वर्मन]], (संयुक्त अरब अमीरात) ,[[अनूप भार्गव]] , [[रचना श्रीवास्तव]],[[ शशि पाधा]],[[सुधा ओम ढींगरा]], [[सारिका सक्सेना[[, (यू.एस.ए.) , जैनन प्रसाद, (फिजी) , शकुन्तला तलवार, (यू.एस.ए.) , प्रो० अश्विन गाँधी, (अमेरिका), अमिता कौण्डल, हरदीप कौर सन्धु,[[ हरिहर झा ]] (आस्ट्रेलिया), स्वाति भालोटिया (इंग्लैण्ड), रजनी भार्गव (अमेरिका) [[रेखा राजवंशी]] (आस्ट्रेलिया) आदि नाम प्रमुख नाम है।
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