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[[Category:स्पानी भाषा]]
<poem>
सारी रात मैंने अपनी ज़िन्दगी तबाह की
 
कुछ गिनते हुए,
 
गायें नहीं
 
पौंड नहीं
 
फ़्रांक नहीं, डालर नहीं...
 
न, वैसा कुछ भी नहीं
 
सारी रात मैंने अपनी ज़िन्दगी तबाह की
 
कुछ गिनते हुए,
 
कारें नहीं
 
बिल्लियाँ नहीं
 
मुहब्बतें नहीं...
 
न!
 
रौशनी में मैंने अपनी ज़िन्दगी तबाह की
 
कुछ गिनते हुए,
 
क़िताबें नहीं
 
कुत्ते नहीं
 
हिंदसे नहीं...
 
न!
 
सारी रात मैंने चांद को तबाह किया
 
कुछ गिनते हुए,
 
बोसे नहीं
 
वधुएँ नहीं
 
बिस्तर नहीं...
 
न!
 
लहरों में मैंने रात को तबाह किया
 
कुछ गिनते हुए,
 
बोतलें नहीं
 
दाँत नहीं
 
प्याले नहीं...
 
न!
 
शान्ति में मैंने युद्ध को तबाह किया
 
कुछ गिनते हुए,
 
सड़कें नहीं
 नगमें नहीं...  
न!
 
छाया में मैंने ज़मीन को तबाह किया
 
कुछ गिनते हुए,
 
बाल नहीं झुर्रियाँ नही
 
गुम गई चीज़ें नहीं...
 
न!
 
ज़िन्दगी में मैंने मौत को तबाह किया
 
कुछ गिनते हुए,
 
क्या उस सबको भी जोड़ा जाय ?
 
याद नहीं पड़ता...
 
न!
 
मौत में मैंने ज़िन्दगी को तबाह किया
 
कुछ गिनते हुए,
 
नफ़ा कहूँ या नुकसान !
 
नहीं जानता
 
न ज़मीन ही...
 
वग़ैरह वग़ैरह ।
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