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Kavita Kosh से
आशा है, सुमित जी, कि मैं आपको बता पाया कि "रो" तो कोई भी नहीं रहा है :-) कोई डिज़ाइनर मदद कर सके तो ठीक है नहीं तो कविता कोश तो बिना डिज़ाइनर के भी लोकप्रिय है और बढ़ रहा है। सादर '''--Lalit Kumar ०९:१३, ६ जनवरी २००८ (UTC)'''
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सुमित जी,