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और अपने बाएँ हाथ के
अनामिका में
कनिष्ठिका को छुपा कर रीढ रीढ की हड्डी को गिनते हुए झट से
हिन्दी में नौ लिख देती है प्रेयस के
पीठ पर....
की कि अचानक प्रेयस की आह लताओं के लताओं की भाँति लतडने लगती है प्रेयसी के जीभ ठुड्डी को चुमते चूमते हुए नाभि के मध्य तक...  
और ख्वाहिशों के
हरसिंहार पीठ से सरक कर लिपट
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