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/* ग़ज़लें */
* [[क्या क्या पापड़ बेल चुके हैं अब ग़म से घबराना क्या / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[बात अब जब भी चलेगी तोप की तलवार की / कांतिमोहन 'सोज़']]
* [[आए कुछ अब्र कुछ शराब आए / कांतिमोहन 'सोज़']]