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सुभाव / संजय आचार्य वरुण

3 bytes removed, 17:29, 25 फ़रवरी 2015
<poem>
‘जलम देय’र
बडौ कारणौकरणौ
अर फेर काट देवणौ
या किचरणौ
मिनख रौ
ओ ई सुभाव
उण ने बचावैबणावै
सै जीवां सूं अळगौ’
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