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<poem>
एक पेड़ काशी मा जामा हो
अरे डार गई जगन्नाथ हो
काशी मा जामा
फूलत फूल द्वारिका मोरे प्यारे
कि फर लाग्यों बद्रीनाथ हो
मटुक वाले
</poem>