भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

माँ की याद / वीरेन डंगवाल

No change in size, 14:22, 12 जनवरी 2008
:::सामाजिक-सांस्कृतिक परम्परा है हमारी
जिसमें माँऎँ माँएँ सबसे ऊपर खड़ी की जाती रही हैं
बर्फ़ीली चोटी पर,
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,276
edits