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अर्द्ध-उन्मीलित नयन, स्वप्निल, प्रहर भर रात रहते
अधर कम्पित, संकुचित, मानो अधूरी बात कहते
अर्द्ध-उन्मीलित नयन, स्वप्निल, प्रहर भर रात रहते
अधर कम्पित, संकुचित, मानो अधूरी बात कहते