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यहाँ उगने लगी हैं
कई किसिम की ज़हरीली घासें
पनपने लगे हैं छोटे-छोटे गढ़ मठ'''*'''
चेतना तो कभी थी ही नहीं
अब विस्मृति भी फैलती जा रही है
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