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<poem>
मेह अर धंवरआळै
खराब मौसम में
जद लागी
दस दिनां खातर
पंचायत-चुणाव में ड्यूटी

तो घबराया कर्मचारी
कई भाज्या कटावणै सारू ड्यूटी
कईयां ली इण नै
चुनौति रै रूप में
अर निकळ पड़्या
अजमाण सारू आप रै
डील री सगति

सगळी अबखायां झेलता
जद बै
घरां आया तो
भरोसै सूं भ‘र आया

झड़ीआळै ठण्डै मौसम में
कित्ती-कित्ती दूर सूं
आया लोग
करण नै पोल
अेकल गाभां में
रबड़आळी चपलां में
कित्तै हूंसलै सूं
बा लुगाई उम्मीदवार
करै ही
आपरै बूथ री
रूखाळी

कित्तो खुस होयो बो
बण‘र पंच
लोग बणै प्रधान, प्रमुख
सांसद-मंत्री
तो कांई हुयो
बो ई तो बण्यो हो आज
कीं न कीं।
</poem>
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