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तूं चाल / निशान्त

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<poem>
लारै बंधेल
डगरै ज्यूं
क्यूं चालै ?

तूं चाल
बीं ऊँट ज्यूं
जको चालै
बिना टिचकारी

मारग देख लेणै रै पछै
भाऊं
कित्ती ही आवै
अबखाई।
</poem>
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