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<poem>
बस मांय
म्हारै स्यूं लारली सीट माथै
बैठ्यो मोट्यार
खेतर रा अेम अेल अे
एम पी आद री बातां करै हो
स्यात चोभ तांई जाणै हो बो
बांरो इतिहास
कै कुण कठै बणा राखी है
जमीन-जै‘दाद
पण
बीं रै लै‘ज मांय
गुस्सो कोनी हो
जाबक ई ।
</poem>
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