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<td width=100% valign=top bgcolor="#F8F3EE"> <center>[[चित्र:Pearl_2.jpg|left|50px]] <b>एक काव्य मोती...</b><br>द्वार खरे प्रभु के छरिया तहँ, भूपति जान न पावत नेरे।<br>पाँच सुपारि तै देखु बिचार कै, भेंट को चारि न चाउर मेरे॥ -- [[सुदामा चरित / नरोत्तमदास]] --</center>
</td></tr>
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<tr><td colspan=2><font size=4>रेखांकित रचनाकार</font></td></tr>
<tr><td valign=top>[[चित्र:nidafazliMaithilisharangupt.jpg|50px|right]]</td><td valign=top>[[निदा फ़ाज़लीमैथिलीशरण गुप्त]] का जन्म 1938 1885 ई. में हुआ। इनके हुआ था। गुप्त जी खड़ी बोली कविता संग्रहों में "लफ़्ज़ों का पुल"के प्रथम महत्वपूर्ण कवि हैं| पवित्रता, "मोर नाच" तथा "सफ़र में धूप तो होगी" शामिल नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बंधों की रक्षा गुप्त जी के काव्य के प्रमुख गुण हैं। '''कुछ कृतियाँ:''' [[माँ सैरन्ध्रीः खंडकाव्य / निदा फ़ाज़लीमैथिलीशरण गुप्त]] , [[अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं साकेत / निदा फ़ाज़ली]] , [[नयी-नयी पोशाक बदलकर मैथिलीशरण गुप्त / निदा फ़ाज़लीप्रथम सर्ग / पृष्ठ १]]</td></td></tr>
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<tr><td colspan=2><font size=4> एक काव्य मोती</font></td></tr><tr><td valign=top>[[चित्र:MaithilisharanguptPearl_2.jpg|50pxleft|right50px]]</td><td valign=top>[[मैथिलीशरण गुप्त]] का जन्म 1885 ई. में हुआ था। गुप्त जी खड़ी बोली कविता द्वार खरे प्रभु के प्रथम महत्वपूर्ण कवि हैं| पवित्रताछरिया तहँ, नैतिकता और परंपरागत मानवीय सम्बंधों की रक्षा गुप्त जी के काव्य के प्रमुख गुण हैं। '''कुछ कृतियाँ:''' [[सैरन्ध्रीः खंडकाव्य / मैथिलीशरण गुप्त]] भूपति जान न पावत नेरे।<br>पाँच सुपारि तै देखु बिचार कै, भेंट को चारि न चाउर मेरे॥ -- [[साकेत सुदामा चरित / मैथिलीशरण गुप्त / प्रथम सर्ग / पृष्ठ १नरोत्तमदास]]</td>--</tr>
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