भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>
पथ-चंक्रम –
 
हिमवत शीतल छाँह उत्तरे दक्षिण मलय - समीर
सागर सब तरि तुंग तरंगेँ बजबय गिरा गभीर।।4।।
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits