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<table width=100% style="background:none;background-color:#ffffff;border: 1px solid #d15600"><tr><td colspan=2 style="background-color:#d15600;">
<font size=3>'''&nbsp;रेखांकित रचनाकार'''</font></td></tr>
<tr><td valign=top>[[चित्र:Ahmed_farazShivmangalsinghsuman.jpg|50px|right]]</td><td valign=top>14 जनवरी 1931 को जन्में '''[[अहमद फ़राज़शिवमंगल सिंह सुमन]]''', उर्दु का जन्म 5 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेश के मशहूर शायरों उन्नाव जिले में शुमार किये जाते हैं। आपकी ग़ज़ल [[रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने हुआ था। वे ग्वालियर के लिए / फ़राज़| "रंजिश ही सही"]] हर ओर बहुत लोकप्रिय है। फ़राज़ साहब का निधन हाल विक्टोरिया कॉलेज में 25 अगस्त 2008 हिंदी के व्याख्याता, माधव महाविद्यालय उज्जौन के प्राचार्य और फिर कुलपति रहे। सुमन जी प्रिय अध्यापक, कुशल प्रशासक, प्रखर चिंतक और विचारक माने जाते थे। प्रगतिवादी कविता के स्तंभ डा. सुमन लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचने के बाद 27 नवंबर 2002 को चिरनिद्रा में लीन हो गया। कविता कोश की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि।गए।
</td></tr></table>