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<font size=3 color=olive>'''साकेत'''</font><br><br>
'''राम, तुम्हारा वृत्त स्वयं ही काव्य है।'''
'''श्रीगणेशायनमः'''<br><br>
[[साकेत / मैथिलीशरण गुप्त / प्रथम सर्ग / पृष्ठ १]]<br><br>