भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

प्यारी नानी / वसु मालवीय

1,314 bytes added, 02:34, 28 सितम्बर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=वसु मालवीय |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=वसु मालवीय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>मम्मी की भी मम्मी हैये
अपनी प्यारी नानी,
दुलरा देती जब हम करते-
हैं कोई शैतानी।

नहीं मारती, नहीं डाँटती
बिल्कुल सीधी सादी,
उतनी ही बुढ़ी है, जितनी-
बूढ़ी मेरी दादी।

लोरी गाकर कभी सुलाती-
या फिर परी कहानी!

बाँच-बाँच लेती रामायण-
की पोथी घंटे भर,
खेल-कूद कर गुड़िया लौटी
मिट्टी पोते मुँह पर।

हँसती-हँसती मुँह धुलवाती
नानी लेकर पानी!

झुर्री पड़े गाल हैं उसके
बाल मुलायम रेशम,

नकली दाँत लगाए नानी
हमको बाँटे चिंगम।

पेपर पढ़ती लेकर ऐनक
तिरछी सधी कमानी!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits