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{{KKRachna
|रचनाकार=वसु मालवीय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>बड़े मियाँ की क्या पहचान?
छोटा-सा मँुह, लंबे कान!
मूँछ नुकीली, ऐनक गोल,
डिब्बे-सा मुँह देते खोल,
पिच्च-पिच्च कर थूकें पान!
यों तो नाक सुपाड़ी-सी,
बजती छुक-छुक गाड़ी-सी,
लेते सिर पर चादर तान!
कहीं ईद, बैशाखी है,
होली, क्रिसमस, राखी है,
सबके साथ मिलाते तान!
बड़े मियाँ अच्छे इनसान,
यही सही उनकी पहचान,
मिलें आपको, रखना ध्यान!
</poem>
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|रचनाकार=वसु मालवीय
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|संग्रह=
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<poem>बड़े मियाँ की क्या पहचान?
छोटा-सा मँुह, लंबे कान!
मूँछ नुकीली, ऐनक गोल,
डिब्बे-सा मुँह देते खोल,
पिच्च-पिच्च कर थूकें पान!
यों तो नाक सुपाड़ी-सी,
बजती छुक-छुक गाड़ी-सी,
लेते सिर पर चादर तान!
कहीं ईद, बैशाखी है,
होली, क्रिसमस, राखी है,
सबके साथ मिलाते तान!
बड़े मियाँ अच्छे इनसान,
यही सही उनकी पहचान,
मिलें आपको, रखना ध्यान!
</poem>