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नानी / निरंकार देव सेवक

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<poem>अम्माँ की नानी की नानी,
नानी की नानी की नानी।
गई कुएँ पर भरने पानी।
पानी में थी मछली कानी
बोली, ‘तुम क्यों आई रानी
कहाँ तुम्हारी मुन्नी रानी?’
</poem>
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