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कार पड़ी बीमार / सीताराम गुप्त

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<poem>गप्पीमल ने गप्प लड़ाई-
खुली लाटरी भाई,
आज हमारे धर पर उससे
नई कार है आई!

भीड़ जमा जब हुई देखने
गप्पी जी की कार,
गप्पी बोले अस्पताल में-
कार पड़ी बीमार!
</poem>
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