भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

Changes

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

छुट्टी / ममता कालिया

646 bytes added, 04:17, 4 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ममता कालिया |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=ममता कालिया
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>अन्नू जी की छुट्टी हो गई,
मन्नू जी की छुट्टी हो गई।
बस्ते से अब कुट्टी हो गई,
मस्ती से लो मिट्ठी हो गई।
धमा-चौकड़ी धूम-धमाका,
चाट-पकौड़ी खेल-तमाशा।
कभी खिलौना, कभी पटाखा
यह है शैतानी की भाषा।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits