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नानी जी / रमेशचंद्र पंत

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<poem>दूर गाँव में रहती अपनी नानी जी,
कौन सुनाए मोहक कथा कहानी जी!

राजा-रानी, सूरज-चंदा
जगमग तारावलियों की,
इंद्रधनुष से पंख उगाए
झिलमिल आती पयिों की,

हैं किस्सों की भरी पिटारी नानी जी
याद जिन्हें हैं ढेरों कथा-कहानी जी!

नंदन बन, अद्भुत पशु-पक्षी
मोहक फूल-तितलियों की,
बादल, धूप, परी, सिमसिम की
सागर नदी मछलियों की।

कब आएँगी हमें सुनाने बातें सारी नानी जी!
</poem>
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