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बोलो शादी हो कैसे / कृष्ण शलभ

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<poem>दादी जी ओ दादी जी,
है गुड़िया की शादी जी!

कल गुड्डा एक आएगा,
गुड़िया को ले जाएगा।

संग बराती आएँगे,
खाना भी तो खाएँगे!

दादी दो कपड़े गहने,
जो मेरी गुड़िया पहने।

मेरे पास नहीं पैसे,
बोलो शादी हो कैसे?
</poem>
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