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|रचनाकार=गगन गिल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
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<poem>धूप जी धूप जी
छांव यहां कहीं नहीं
धूप जी धूप जी
देखो हमारी चमड़ी
धूप जी धूप जी
घाव यहां हर कहीं
धूप जी धूप जी
छिपने को घर नहीं
धूप जी धूप जी
अंधी चमक आंख में
धूप जी धूप जी
कांटे चुभे नजर में
धूप जी धूप जी
रस्ता अपना गुम गया
धूप जी धूप जी
चारों तरफ प्यास जी
धूप जी धूप जी
ठंडा अपना सांस जी
धूप जी धूप जी
सिर पे उड़ें गिद्ध जी
धूप जी धूप जी
कहां हमारी छप्परी
धूप जी धूप जी
चारों तरफ रेत जी!
</poem>
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<poem>धूप जी धूप जी
छांव यहां कहीं नहीं
धूप जी धूप जी
देखो हमारी चमड़ी
धूप जी धूप जी
घाव यहां हर कहीं
धूप जी धूप जी
छिपने को घर नहीं
धूप जी धूप जी
अंधी चमक आंख में
धूप जी धूप जी
कांटे चुभे नजर में
धूप जी धूप जी
रस्ता अपना गुम गया
धूप जी धूप जी
चारों तरफ प्यास जी
धूप जी धूप जी
ठंडा अपना सांस जी
धूप जी धूप जी
सिर पे उड़ें गिद्ध जी
धूप जी धूप जी
कहां हमारी छप्परी
धूप जी धूप जी
चारों तरफ रेत जी!
</poem>