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महान कवि / अनिल कुमार सिंह

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|संग्रह=पहला उपदेश / अनिल कुमार सिंह
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देश की सबसे ऊँची जगह से बोलता है
हमारे समय का महान कवि।
देश की सबसे ऊँची जगह से बोलता है<br>चीज़ों के बारे में उसकी अपनी हमारे समय का महान कवि।<br><br>धारणाएँ हैं, मसलन गाँव उसे बहुत प्यारे लगते हैं जब वह उनके बारे में सोचता है
चीजों गाँव के बारे में उसकी अपनी<br>धारणाएँ हैं, मसलन गाँव<br>उसे बहुत प्यारे लगते हैं जब<br>वह उनके बारे सोचते हुए स्वप्न में सोचता चलता है<br><br>महान कवि।
गाँव के बारे वह तथ्यों को उनके सुंदरतम रूप में सोचते हुए स्वप्न में चलता पेश कर सकता है सुंदरतम ढंग से पेश करने की लत के कारण कभी-कभी तथ्यों को ही निगल जाता है महान कवि।<br><br>कवि
वह तथ्यों को उनके<br>सुन्दरतम रूप धूप में पेश कर सकता है<br>सुन्दरतम ढंग से पेश करने रेत की लत के कारण<br>कभी-कभी तथ्यों को ही<br>निगल जाता है महान कवि<br><br>तरह चमकती हैं उसकी कविताएँ।
धूप में रेत की तरह चमकती हैं उसकी कविताएँ।<br><br>ज़िंदगी के तमाम दाँव-पेंचों के बावजूद कविताएँ लिखता है हम अपने को अधम महसूस करने लगें इतने अच्छे ढंग से कविताएँ सुनाता है वह
जिन्दगी के तमाम दाँव-पेंचों के बावजूद<br>कविताएँ लिखता हम पर अहसान करता है<br>महान कवि। हम अपने पुल उसे बहुत प्यारे लगते हैं सत्ता के गलियारों को अधम महसूस करने लगें<br>इतने अच्छे ढंग से<br>फलांगने के लिए कविताएँ सुनाता जनता की छाती पर ‘ओवरब्रिज’ बनाता है वह<br><br>महान कवि।
हम पर अहसान करता है महान कवि।<br>पुल उसे बहुत प्यारे लगते हैं<br>सत्ता के गलियारों को<br>फलाँगने के लिए<br>जनता की छाती पर ‘ओवरब्रिज’ बनाता है महान कवि।<br><br> क्या आप ठीक-ठीक बता सकते हैं<br>कहाँ से सोचना शुरू करता है<br>
हमारे समय का सबसे महान कवि !
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