भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
Reverted edits by [[Special:Contributions/202.138.120.38|202.138.120.38]] ([[User talk:202.138.120.38|talk]]) to last version by [[User:66.25.38.56|66.25.38.56]]
इति वदति तुलसीदास शङ्कर शेष मुनि मनरञ्जनम् .
मम हृदयकञ्ज निवास कुरु कामादिखलदलमञ्जनम् .. ५..