भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
Changes
Kavita Kosh से
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=शिव कुमार झा 'टिल्लू' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=शिव कुमार झा 'टिल्लू'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>मैथिली घ'र सतरंगी होरी
मैथिली घ'र ......
विषम भाव केर होरी जराओल
कोकिल- नटुआ एक पाँति बैसाओल
अंगक संग तिरहुत गोरी ......
र'सक घैल सरैसा नाचल
छींकाछींकि सहरसा बाँचल
सभ रंग मिथिला केर मोरी ......
सुत सलहेस गाबथि चैतावरि
सिया -गोढ़िन रंग चमचम दोहरि
एक्के जाँत गोट-तोरी ......
लक्ष्मीनाथ अबीर उड़ाबथि
उदयन-मंडन माँथ लगाबथि
डाक आँगन भारती- लोरी ......
एकरंग डहकन एकरंग सोहर
एक्के रंगक सभक भेल गहबर
पाग -मौर बटुकक जोरी ......
शब्द शब्द केर भेद रहल नहि
ककरो भदेसी किओ कहल नहि
सकल मिथिला एक्के झोरी ......
फूटत विस्मय धार आब नहि
अंतर कहरिया भार आब नहि
सबहक फाग एक बोरी ......</poem>
{{KKRachna
|रचनाकार=शिव कुमार झा 'टिल्लू'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatMaithiliRachna}}
<poem>मैथिली घ'र सतरंगी होरी
मैथिली घ'र ......
विषम भाव केर होरी जराओल
कोकिल- नटुआ एक पाँति बैसाओल
अंगक संग तिरहुत गोरी ......
र'सक घैल सरैसा नाचल
छींकाछींकि सहरसा बाँचल
सभ रंग मिथिला केर मोरी ......
सुत सलहेस गाबथि चैतावरि
सिया -गोढ़िन रंग चमचम दोहरि
एक्के जाँत गोट-तोरी ......
लक्ष्मीनाथ अबीर उड़ाबथि
उदयन-मंडन माँथ लगाबथि
डाक आँगन भारती- लोरी ......
एकरंग डहकन एकरंग सोहर
एक्के रंगक सभक भेल गहबर
पाग -मौर बटुकक जोरी ......
शब्द शब्द केर भेद रहल नहि
ककरो भदेसी किओ कहल नहि
सकल मिथिला एक्के झोरी ......
फूटत विस्मय धार आब नहि
अंतर कहरिया भार आब नहि
सबहक फाग एक बोरी ......</poem>