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समानधर्मा / राग तेलंग

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<poem>जाने-पहचाने
जब जान लिए जाएंगे

तब दिखाई देंगे सामने
अनजाने

वे भी आए होंगे
जाने-पहचाने रास्तों से होकर

दु:ख बँट जाएगा
मिलते ही

हो सकता है
साथ ही रो पड़ें
यक-ब-यक.
</poem>
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