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''' कुछ नहीं होने की तरह'''
और चुटकी भर नमक
इस नमक के साथ
झरता उनका प्रेम भी झरता
चुटकियों के बीच से
स्कूल की फीस
बच्चों का अपमान
कनस्तर के पेट की गुड़गुड़ाहटगुडग़ुड़ाहट
फिर भी भरपेट के बावजूद
मनुहार की रोटी जरूर ज़रूर परोसतीं
अड़ोस-पड़ोस की इतनी खबरेंख़बरें
होतीं उनके पास कि
रात की भयावहता के खिलाफखिलाफ़
वे जलती रहतीं लगातार
और हम उनकी आग चुराकर
हम प्रेम भी अपनी पत्नियों से चुराते
और प्रेमिकाओं पर करते न्यौछावर
तो हमारे सिर के नीचे
उनकी वही गोद होती
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