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Kavita Kosh से
* [[दुनिया में हूँ दुनिया का तलबगार नहीं हूँ / अकबर इलाहाबादी]]
* [[समझे वही इसको जो हो दीवाना किसी का / अकबर इलाहाबादी]]
* [[आँखें मुझे तल्वों से वो मलने नहीं देते / अकबर इलाहाबादी]]