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|रचनाकार=मीर तक़ी 'मीर'
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[[Category:ग़ज़ल]]
अपने तड़पने की मैं तदबीर पहले कर लूँ<br>
तब फ़िक्र मैं करूँगा ज़ख़्मों को भी रफू का<br><br>