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/* किस्सा अंजना पवन */
* [[अंजना के फिकर नै दुनियां तै खोया रै / मेहर सिंह]]
* [[ना तै जल कै खो दूं ज्यान टकासी जी मुट्ठी में ले रह्या / मेहर सिंह]]
* [[अग्नि धौरे कोण खड़या मैं तनै देख कै डर ली / मेहर सिंह]]
* [[क्यूं रोवै, खोवै टोहवै के हूर की परी रै / मेहर सिंह]]
* [[भर आया आख्यां में पाणी मामा की शक्ल पछाण कैं / मेहर सिंह]]