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Kavita Kosh से
वर्तनी
रोशनी जहाँ भी हो<br>
उसे खोज लाऊँगा <br>
कातरता, चु्पपी चु्प्पी या चीखें,<br>
या हारे हुओं की खीज<br>
जहाँ भी मिलेगी<br>
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