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Kavita Kosh से
वहा बंसविटटी
चैवटिया पर बुढ़वा बोर गाछ
आरो उ$ ऊ गाछी के नीचे
सनसनैतेॅ हनहनैतेॅ हवा केॅ
आकाश सेॅ पानी रं बरसतेॅ धूप केॅ