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Kavita Kosh से
हमारा मनोॅ मॅे तनियो टा आबॅे परैे कल ना
लोर आँखी सेॅ बहै छै माने छै नै कहना
बाबू कहै छेलै हुमराॅे हमराॅे बेटी रँ के कोय ना
वही बेटी के घराॅे मेॅ आबॅे कोनो मोल ना
रोजे ताकै छिये रस्ता भैया कहिया आइते ना
माय गे हम्मे तोरोॅ रुनुकि-झुनुकी बेटी छिकियो ना
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