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तुमको मेरे दील ने पुकारा है / रफूचक्कर (१९७५)
 
 
 
तुमको मेरे दील ने पुकारा है बड़े नाज़ से
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से
 
तुमको मेरे दिल ने पुकारा है बड़े नाज़ से
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से
 
तुमको मेरे दिल ने
 
 
मुज्को पहली नज़र में लगा है यूं
 
साथ सदियों पुराना है अपना
 
और सदियों ही रहना पड़ेगा
 
तुमको बनके इन आंखो का सपना
 
युग युग की कसम निभाके सनम
 
इस जग की रसमें निभाके सनम
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से
 
तुमको मेरे दिल ने पुकारा है बड़े नाज़ से
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से
 
तुमको मेरे दिल ने
 
 
 
प्यार की इन हसीं वादियों में
 
झूम के यूं ही मिलते रहेंगे
 
जिंदगानी के सुहाने सफर में
 
हमसफ़र बनके चलते रहेंगे
 
इस दिल के अरमान जगाके सनम
 
मुज्को बाहों की राहों में लाके सनम
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से
 
तुमको मेरे दिल ने पुकारा है बड़े नाज़ से
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से
 
तुमको मेरे दिल ने
 
तुमको मेरे दिल ने हम्म्म
 
अपनी आवाज़ मिला लो मेरी आवाज़ से हम्म्म
 
 
किसी पे दिल अगर आ जाए / रफूचक्कर (१९७५)
 
किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या होता हें ?
 
वही होता है जो मंजूर -ए -खुदा होता है
 
कोई दिल पे अगर छा जाए तो क्या होता है ?
 
वही होता है जो मंजूर -ए -खुदा होता है
 
 
मुज़ को जुल्फों के साए में सो जाने दो सनम
 
हो रहा है जो दिल मे , हो जाने दो सनम
 
बात दिल की दिल में रह जाए , तो फ़िर क्या होता है ?
 
वही होता है जो मंजूर -ए -खुदा होता है
 
 
क्या मंजूर है खुदा को बताओ तो ज़रा
 
जान जायेगी , बाहों में आ जाओ तो ज़रा
 
कोई जो बाहों में आ जाए तो फ़िर क्या होता है ?
 
वही होता हैं जो मंजूर -ए -खुदा होता है
 
 
मेरी दुआ है / राही बदल गए (१९८५)
 
मेरी दुआ है फूलों सी तू खिले (२)
 
जैसी तू हैं तुझे वैसा ही एक हसीन जीवन साथी मिले
 
मेरी दुआ है फूलों सी तू खिले
 
जैसी तू है तुझे वैसा ही एक हसीन जीवन साथी मिले
 
 
हर नई सुबह लाये तेरे लिए किरणे तेरी खुशी की
 
तू रहे जहाँ वहाँ रहे सदा मीठी गूँज हँसी की (२)
 
हो न तकदीर से तुझे शिकवे गिले
 
मेरी दुआ है फूलों सी तू खिले
 
 
हम अगर कभी दूर भी हुए यह दिन याद रहेगा
 
खुश नसीब है जिसको दिल तेरा आपना मीत कहेगा (२)
 
बनते रहे सदा जीने के सिलसिले
 
मेरी दुआ है फूलों सी तू खिले
 
जैसी तू है तुझे वैसा ही एक हसीन जीवन साथी मिले
 
मेरी दुआ है फूलों सी तू खिले
 
 
 
 
 
 
 
 
क्यों शुक्ला, जोशी, लंठ सरीखे नागर, राठी
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