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Kavita Kosh से
हर तरफ़ बिक रहे जीत के नुस्ख़ों के बीच भी
पृथ्वी पर बढ़ रहा आतंक पराजय का
नहीं सम्भाल पाती है एक अतिरिक्त अ का कहर