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New page: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बशीर बद्र }} [[Category:गज़ल]] सब कुछ खाक हुआ है लेकिन चेहरा क्य...
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=बशीर बद्र
}}
[[Category:गज़ल]]
सब कुछ खाक हुआ है लेकिन चेहरा क्या नूरानी है<br>
पत्थर नीचे बैठ गया है, ऊपर बहता पानी है<br><br>
बचपन से मेरी आदत है फूल छुपा कर रखता हूं<br>
हाथों में जलता सूरज है, दिल में रात की रानी है<br><br>
दफ़न हुए रातों के किस्से इक चाहत की खामोशी है<br>
सन्नाटों की चादर ओढे ये दीवार पुरानी है<br><br>
उसको पा कर इतराओगे, खो कर जान गंवा दोगे<br>
बादल का साया है दुनिया, हर शै आनी जानी है<br><br>
दिल अपना इक चांद नगर है, अच्छी सूरत वालों का<br>
शहर में आ कर शायद हमको ये जागीर गंवानी है<br><br>
तेरे बदन पे मैं फ़ूलों से उस लम्हे का नाम लिखूं<br>
जिस लम्हे का मैं अफ़साना, तू भी एक कहानी है<br><br>
{{KKRachna
|रचनाकार=बशीर बद्र
}}
[[Category:गज़ल]]
सब कुछ खाक हुआ है लेकिन चेहरा क्या नूरानी है<br>
पत्थर नीचे बैठ गया है, ऊपर बहता पानी है<br><br>
बचपन से मेरी आदत है फूल छुपा कर रखता हूं<br>
हाथों में जलता सूरज है, दिल में रात की रानी है<br><br>
दफ़न हुए रातों के किस्से इक चाहत की खामोशी है<br>
सन्नाटों की चादर ओढे ये दीवार पुरानी है<br><br>
उसको पा कर इतराओगे, खो कर जान गंवा दोगे<br>
बादल का साया है दुनिया, हर शै आनी जानी है<br><br>
दिल अपना इक चांद नगर है, अच्छी सूरत वालों का<br>
शहर में आ कर शायद हमको ये जागीर गंवानी है<br><br>
तेरे बदन पे मैं फ़ूलों से उस लम्हे का नाम लिखूं<br>
जिस लम्हे का मैं अफ़साना, तू भी एक कहानी है<br><br>
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