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रेत / नवकान्त बरुवा

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नवकान्त बरुवा की कविता : पलस (পলস) का अनुवाद
'''शिव किशोर तिवारी द्वारा मूल असमिया से अनूदित'''
 
 
कविता में जिस मान शासन का ज़िक्र आया है, वह 1817 -26 के काल में बर्मा से आये भयानक अत्याचारी आक्रांताओं का युग था।यहाँ कदाचित् प्रतीक की तरह व्यवहृत हुआ है।
बादल के जिस उपदेश का उल्लेख हुआ है, वह संभवतः उपनिषद् की वही कथा है जिससे एलियट ने प्रेरणा ली थी।
बरुवा के पुरस्कृत उपन्यास का नाम इस कविता से आया होगा- "ककादेवतार हाड़" (पितामह की अस्थियाँ)]
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