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इक ज़रा सी चाह में / आलोक यादव
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02:56, 8 सितम्बर 2016
इक ज़रा सी चाह में जिस रोज बिक जाता हूँ मैं
आईने के सामने उस दिन नहीं आता हूँ मैं
रंजो-गम उससे छुपाता हूँ मैं अपने लाख पर
डा० जगदीश व्योम
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