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{{KKShayar}}
* [[बरगुज़ीदा हैं हवाओं के असर से हम भी / ज़हीर रहमती]]
* [[यूँ ही हमदर्द अपना खो रहे हैं / ज़हीर रहमती]]
* [[आईने मद्द-ए-मुक़ाबिल हो गए / ज़हीर रहमती]]
* [[बहुत कुछ वस्ल के इमकान होते / ज़हीर रहमती]]