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{{KKCatHimachal}}
*[[मुहब्बत का कभी इज़हार करना ही नहीं आया / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[यहाँ सच बोलना जोखिम भरा है / राजीव भरोल 'राज़']]
*[[जहाँ कहीं हमें दाने दिखाई देते हैं / राजीव भरोल]]
*[[किसी सूरत ग़मे दिल का मदावा हो नहीं सकता / राजीव भरोल]]