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ये स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, पत्रकार और छत्तीसगढ़ी साहित्यकार हैं। इन्होंने सोना कैना (नाटक), मोंगरा (कहानी), बनिहार (गीत), कुल के मरजाद (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), लहर (छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह) इत्यादि की रचना की। इन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन 1942 में 9 माह की जेल एवं कुल चार वर्ष जेल में काटे। ये किसान मजदूरआन्दोलन से जुड़े एवं अस्सी के दशक में रायपुर से लोकसभा सांसद बने।
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ये स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, राजनेता, पत्रकार और छत्तीसगढ़ी साहित्यकार हैं। इन्होंने सोना कैना (नाटक), मोंगरा (कहानी), बनिहार (गीत), कुल के मरजाद (छत्तीसगढ़ी उपन्यास), लहर (छत्तीसगढ़ी कविता संग्रह) इत्यादि की रचना की। इन्होंने भारत छोड़ो आन्दोलन 1942 में 9 माह की जेल एवं कुल चार वर्ष जेल में काटे। ये किसान मजदूरआन्दोलन से जुड़े एवं अस्सी के दशक में रायपुर से लोकसभा सांसद बने।
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