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नेत्र , श्रोत्रम, प्राण , वाणी , बल इन्द्रियों में महान हों।<br>
उपनिषदों में प्रतिपाद्य ब्रह्म से, गहन मम सम्बन्ध हों,<br>
हो त्रिविध तापों की निवृतिनिवृत्ति, परब्रह्म तत्व तत्त्व प्रबंध हों॥<br><br>
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