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घाम जनावत तभो ले मनखे देख – सुनत हें गाना।नवकल्ली मन खांद बइठके आनंद लेवत नाना।निरबंसी औरत हा लानत, हंउला मं भर भर जल साफओला धरती पर रुकोत अउ, चिखला पर खुद हा सुत जात।सोचत – मंय ओरछत हंव पानी, तब प्रसन्न होहय भगवानसेवा करे मं सेवा मिलिहय, मोर गोद आहय सन्तान।बहुरा काम सिद्ध होवय कहि, केंवरी बहू ला शिक्षा देत –“चेत लेग झन दूसर कोती, सिर्फ देव पर रख तंय ध्यान।चिखला माटी पर ढलगे हस, लेकिन झन कर एकर फिक्रदिही देव वरदान मं तोला – चंदा असन एक औलाद।”केंवरी हा पेट घंइया ढलगिस, देव ला बिनवत बारम्बारबोधनी हा ओकर ऊपर ले, पांव उठाके नहकत पार।पर चिखला मं पांव फिसल गिस, तंह बोधनी गिर गीस दनाकजोत जंवारा हा गिर जाथय, सुते केंवरी पर भड़ड़ाक।केंवरी के पति हवलदार हा, कुआं ले जल हेरत भर लेंजकेंवरी के चित्कार ला सुनथय, होगिस सुन्नबुद्धि जे तेज।हवलदार झुक के गिर जाथय, कुआं के अंदर मुड़ के भारवंश बढ़ाय उदिम ला फांदत, मगर परत जीवन पर वार।हवलदार हा बच जावय कहि, कुआं डहर दउड़िन सब व्यक्तिबोम परत ओमन चिल्लावत, बीच मं रुकगे होवत भक्ति।अंदर कुआ कोन हा जावय होवत शक्ति परीक्षा।हवलदार ला ऊपर लानय बचा अपन जिनगानी।पिनकू हा बहुरा ला पूछिस -”जब तुम्हरे पर संकट आयबुकतू कहां दिखत नइ दउहा, मदद करे बर कार भगात?”बहुरा आंसू ढारत बोलिस – “दुब्बर बर दू ठक बरसातबुतकू ला अजार हा टोरत, खटिया छोड़ उठन नइ पात।हवलदार पर गाज गिरत अब, ओकर हालत जानत ईशतुम्हीं बचाव कुआं अंदर घुस, तुम्हर सिवाय मोर अउ कोन!”कथय गरीबा ला पिनकू हा – “तंय हा फुरिया अपन विचारतिंही एक झन लान सकत हस, हवलदार ला बाहिर पार।”झंउहा ला डोरी मं फांसिन, अब “चइली’ कड़कड़ बंध गीसओकर पर बइठीस गरीबा, कुआं मं घुसरिस हिम्मत बांध।हवलदार ला कबिया धरथय, ओला राखिस खुद के पासगुहा साथ भगवानी फेंकन, आगू तन के जोंगत काम।ओमन डोरी ला झींकत हें, वजन के कारण फूलत सांसलेकिन करतब पूर्ण करे बर, एकोकन नइ थेम्हत काम।बाहिर पार गरीबा निकलिस, हवलदार हा ओकर जूनबने देह भर घाव बहुत ठक, जगह जगह ले फेंकत खून।चटपट बैठक बैठ गीस तब, फेंकन बोलिस जोर अवाज –“भाई बहिनी शांत रहव तुम, मोर गोहार ला सरवन लेव।हवलदार हे मरे के लाइक, केंवरी के घायल हे देहदैविक काम उठावत टहलू, तउन मं पर गिस फट ले आड़।बहुत अनर्थ होय हे काबर, आखिर कोन रचिस षड़यंत्रतुम्मन जमों एक संग मिल जुल, वाजिब बात पता कर लेव!”डकहर हा टहलू ला बोलिस -”तंय हा जोत जंवारा बोयलेकिन दैविक काम मं बाधा, काम होय हे अशुभ खराब।यद्यपि हवलदार हा जीयत, पर झूलत हे मृत्यु के बीचओकर खड़े होय बर लगिहय, अड़बड़ अक रुपिया के खर्च।जमों खर्च ला उठा तिंहिच भर, हवलदार ला तंय कर ठाड़ए दुर्घटना तोरेच कारण, तब सब जिम्मेदारी तोर।”टहलू छरकिस -”मंय लचार हंव, पहिलिच रिता होय हे जेबफेर कहां ले रुपिया लानंव, मोर मुड़ी मं झन रख बोझ।”कहिथय सुखी -”बहाना झन कर, तोर पास हे धनहा खेतओला हवलदार के हक कर, वरना तंय फंसबे हर ओर।”हवलदार ला टहलू हा दिस अपन एकड़ा डोली।धनवा तिर ले बचिस तेन हा जावत पर के झोली।धनवा हा पूछिस बोधनी ला – “तंय हा चलत ठीक अस चालपर केंवरी पर दन्न गिरे हस, खुद तन तक नइ सकेस सम्हाल।तोला फट ले कोन ढकेलिस, दुर्घटना का कारण होयबइठक पास रहस्य बता तंय, एकर बिन नियाव नइ होय?”किहिस बोधनी -”का बोलंव मंय – सब ला नाश करिस विज्ञानयद्यपि मंय सच ला गोठियाहंव, पर हो जहय अंधविश्वास।मोर गोड़ आगू तन रेंगत, तभे उदुप दुखिया दिख गीसछरिया चुंदी – आंख ला छटका, चुहके बर रक्सिन हा अैनस।मोला उठा दोय ले पटकिस, फट चढ़ गिस छाती पर मोरसपसप मोर लहू ला चुहकिस, तब मंय दिखत बहुत कमजोर।”कैना हा दुखिया ला बोलिस – “जमों कार्यक्रम सत्यानाशएकर दोष तोर मुड़ बइठत, काबर करे अनीतिक काम?”दुखिया कथय – “गोहार ला सुन लव – मंय हा रखत अपन सच तर्कमंय निर्दाेष हवंव वाजिब मं, नइ चढ़ात हंव गप के वर्क।देखत रेहेंव जंवारा ला मंय, बोधनी ले रहि अड़बड़ दूरगिरिस बोधनी खुद गल्ती ले, तब पर – पर लांछन झन आय।जादू टोना जग मं नइये, तंत्र मंत्र हा झूठके जालतब मंय कहां ले टोनही रक्सिन, मोला झनिच करव बदनाम।”धनवा हा बउदा ला बोलिस – “ तुम अमली के गोजा लेवदुखिया ला पीटव मरते दम, मंत्र के शक्ति खतम कर देव।आय गांव के नियम इही हा, नियम के पालन निश्चय होयतभे गांव पर बिपत आय नइ, दुखिया तक हो जाहय सोझ।एकर पर हम सोग मरत हन, पर दुखिया बोलत हे झूठअबला समझ तरस खावत हन, लेकिन एहर मारत मूठ।एला अगर दण्ड नइ देवत, टोनही हमला खाहय भूंजदुखिया ला मरते दम झोरव, टूटय झन गांव के कानून।”बउदा अमली गोजा धर लिस, दुखिया ला सड़सड़ रचकातदुखिया हा मतात हे खुर्री, मगर मार ले बच नइ पात।अतियाचार राजबयजन्त्री, मनखे मन देखत चुपचापओमन ला विश्वास कड़ाकड़ – जादू टोना हर अतराप।केजा हा सब झन ला बोलिस -”बउदा ला झन मारो रोकओहर दुखिया ला झोरत हे, टोनही ला कंस पीटन देव।दुखिया तंत्र मंत्र के ज्ञाता, पर ला करत हवय बर्बादपर बर जेहर गड्ढा कोड़त, उहू एक दिन सजा ला पाय।”दुखिया हा लस खांके गिरतिस, अै स गरीबा करे बचावबउदा उहू ला मारिस गोजा, मगर गरीबा देवत जोम।ताकत लगा झटक लिस गोजा, बउदा ला मारिस भर लातबउदा हा भुंइया पर गिरगिस, रटरट टूटिस दू ठक दांत।धनसहाय हा नाटक देखत, लेवत हे अन्याय के पक्षबोलिस -”तंय काबर छेंकत हस, बड़ा आय हस बन के शेर।दुखिया के हम रगड़ा टोरत, ताकि दुसर मन पावंय सीखपर तंय गलत पलोंदी देवत, टोनही के बढ़ात हस मान!”धनवा हा नक्सा मारे बर, दांत कटर के धमकी दीसमगर गरीबा भय नइ खाइस, उहू शक्ति भर चमकी दीस –“जादू टोना नइये जग मं, एकर हवय तोर तिर ज्ञानमगर गांव मं राज करे बर, रुढ़ि के पक्ष लेत हस तान।औरत के स्तर उठाय बर, तंय दूसर ला देत सलाहपर दुखिया ला खुद पिटवावत, इही आय का हरचंद न्याय?”धनवा बोलिस -”मंय देखत हंव – लेवत हस दुखिया के पक्षएकर अर्थ इही तो होथय – ओकर तोर बीच संबंध।यदि ए बात अगर सच अस सच, खुले आम दुखिया ला लेगतुम्हर बीच हम आड़ बनन नइ, काबर परन प्रेम मं बेंग?”खड़े भीड़ दुखिया ला एल्हत, फगनी उड़ावत हांसी।कमउ मरद ला कभू छोड़ झन ओकर बन जा दासी।कथय गरीबा ला बन्जू हा – “खतरा साथ करत तंय खेलदुखिया हा अखण्ड टोनही ए, पत्नी बना अपन घर लेग।
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