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क्या खाली क्या भरा है
क्या ज़िंदा क्या मरा है
हर उस जंगल
जो अबतक हरा है
हर उस पहाड़
जो अबतक खड़ा है
 
समुद्र की हर बूंद
रेगिस्तान की हर रेत
और बंजर या फसलों से
लहलहाते हर खेत
पर उसकी नज़र है